जब टाटा नैनो को लॉन्च किया गया था, तब इसे “दुनिया की सबसे सस्ती कार” कहा गया था। इसे खासतौर पर मिडिल क्लास और ऐसे लोगों के लिए बनाया गया था जो बाइक या स्कूटर पर चलते थे और कार लेने का सपना देखते थे। लेकिन क्या ये कार सच में उतनी अच्छी थी? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
TATA Nano Car – झलक
फीचर | जानकारी |
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इंजन | 624cc, 2-सिलेंडर, पेट्रोल |
पावर | 37 bhp @ 5500 RPM |
टॉर्क | 51 Nm @ 4000 RPM |
माइलेज | 21-25 kmpl (अनुमानित) |
ट्रांसमिशन | 4-स्पीड मैनुअल |
फ्यूल टैंक | 24 लीटर |
सीटिंग क्षमता | 4 लोग |
कीमत (लॉन्च पर) | ₹2.05 लाख (बेस मॉडल) |
डिजाइन और बिल्ड क्वालिटी
टाटा नैनो का डिजाइन छोटा और अलग था। कार छोटी जरूर थी, लेकिन 4 लोग उसमें आराम से बैठ सकते थे। लंबाई करीब 3.1 मीटर थी, जिससे ट्रैफिक में चलाना और पार्क करना आसान था।
बिल्ड क्वालिटी काफी सिंपल थी। ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ था। बेस मॉडल में ना एसी था, ना पावर स्टीयरिंग और ना ही एयरबैग। बाद में कुछ वेरिएंट्स में ये सुविधाएं जोड़ी गईं।
परफॉर्मेंस
नैनो में 624cc का छोटा इंजन था, जो 37 bhp पावर देता था।
- शहर में: छोटे रास्तों और ट्रैफिक में ये कार बढ़िया चलती थी।
- हाइवे पर: 60-70 kmph तक तो सही चलती थी, लेकिन ज्यादा स्पीड पर आवाज करने लगती थी।
गियरबॉक्स भी 4-स्पीड था, जो बहुत स्मूद नहीं था लेकिन शहर में काम चल जाता था।
माइलेज
नैनो की सबसे बड़ी ताकत थी उसका माइलेज।
यह कार 21-25 kmpl का औसतन माइलेज देती थी। 24 लीटर के टैंक से आप करीब 500 किलोमीटर तक जा सकते थे। यह एक बजट कार के लिए बड़ी बात थी।
कम्फर्ट और स्पेस
नैनो में जगह कम थी।
- फ्रंट सीट्स: ठीक-ठाक थी।
- रियर सीट्स: दो बड़े लोगों के लिए तंग थी।
- सस्पेंशन: सिंपल था, इसलिए खराब सड़कों पर झटके लगते थे।
- बूट स्पेस: बहुत छोटा था, एक छोटा बैग ही फिट हो पाता था।
कीमत और वेरिएंट्स
शुरुआत में नैनो की कीमत ₹1 लाख रखी गई थी, लेकिन बाद में बढ़कर ₹2.05 लाख तक पहुंच गई। इसके तीन मुख्य वेरिएंट थे:
- बेस मॉडल: बिना एसी और पावर स्टीयरिंग
- एलएक्स: एसी के साथ
- जीएक्स: कुछ और फीचर्स के साथ
लेकिन जैसे-जैसे कीमत बढ़ी, लोग मारुति ऑल्टो और हुंडई ईऑन को पसंद करने लगे।
नैनो क्यों फेल हुई?
शुरुआत में लोग इसे पसंद कर रहे थे, लेकिन कुछ कारणों से इसकी बिक्री घट गई:
- सेफ्टी की कमी: एयरबैग जैसे फीचर्स नहीं थे
- पावर कम थी: 4 लोग बैठने पर कार कमजोर लगती थी
- बेसिक सुविधाएं: एसी और पावर स्टीयरिंग जैसे जरूरी फीचर्स नहीं थे
- सस्ती कार का टैग: लोगों ने इसे “गरीबों की कार” समझ लिया, जिससे इसकी इमेज खराब हो गई
निष्कर्ष
अगर सिर्फ कीमत देखें तो टाटा नैनो एक अच्छा विकल्प थी। यह उन लोगों के लिए बनी थी जो स्कूटर या बाइक से कार की ओर बढ़ना चाहते थे। लेकिन जैसे-जैसे ग्राहक बेहतर फीचर्स और सेफ्टी की मांग करने लगे, नैनो उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी।